दो शा’इर, दो ग़ज़लें(3): मुनीर नियाज़ी और गुलज़ार…
Munir Niazi Gulzar Ghazal ~ “साहित्य दुनिया” केटेगरी के अंतर्गत “दो शा’इर, दो ग़ज़लें” सिरीज़ में हम आज जिन दो…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Munir Niazi Gulzar Ghazal ~ “साहित्य दुनिया” केटेगरी के अंतर्गत “दो शा’इर, दो ग़ज़लें” सिरीज़ में हम आज जिन दो…
Manchanda Bani Majaz Shayari ~ आज हम जिन दो शा’इरों की ग़ज़लें आपके सामने पेश कर रहे हैं उनके नाम…
आज से हमने “साहित्य दुनिया” पर एक नयी सीरीज़ शुरू करने की सोची है. हम अब लगातार अपने पाठकों के…
wazeer aagha ghazal : बादल छटे तो रात का हर ज़ख़्म वा हुआ आँसू रुके तो आँख में महशर बपा…
Abdul Hamid Adam Shayari हंस के बोला करो बुलाया करो, आपका घर है आया जाया करो हद से बढ़कर हसीन…
Noshi Gilani Shayari तुझसे अब और मुहब्बत नहीं की जा सकती, ख़ुद को इतनी भी अज़ीयत नहीं दी जा सकती…