fbpx
Shayari Kaise Karenशायरी कैसे करें

शायरी कैसे करें (Shayari Kaise Karen) : आज हम आपको उर्दू शाइरी में इस्तेमाल की जाने वाली जिस बह्र के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम है बह्र ए मुतदारिक. इसका रुक्न “फ़ा-इ-लुन(2-1-2)” है. इस रुक्न के बारे में हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं. इस बह्र की सभी ग़ज़लें इसी रुक्न पर आधारित होंगी.

मुरब’अ: फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन (2-1-2 2-1-2) [इसमें मु-फ़ा-ई-लुन रुक्न दो बार आया है]
शे’र:
तुम मिरे पास हो,
पास है ज़िन्दगी

इस शेर को तक़ती’अ करके देखिये-

तुम-2, मि-1,रे-2, पा-2,स-1, हो-2,
पा-2,स-1, है-2, ज़िन्-2,द-1, गी-2

दोनों मिसरों को ध्यान से देखिये, मिसरा ए ऊला (पहले मिसरे) में 2-1-2 2-1-2 का इस्तेमाल हुआ है और यही दूसरे मिसरे में हुआ है. एक भी गिनती इधर से उधर होने पर शेर बे-वज़्नी कहा जाएगा.

_______________________________

मुसद्दस: फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन (2-1-2 2-1-2 2-1-2) [इसमें फ़ा-इ-लुन रुक्न में तीन बार आया है]

________________________________
मसम्मन: फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन (2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2)[इसमें फ़ा-इ-लुन रुक्न चार बार आया है]

शेर:
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर (मख़दूम मुहिउद्दीन)

इस शेर को तक़ती’अ करके देखिये-
को-2,ई-1 दी-2,वा-2,ना-1 गलि-2,यों-2 में-1, फिर-2,ता-2, र-1,हा-2
को-2,ई-1 आ-2,वा-2,ज़-1 आ-2,ती-2 र-1,ही-2, रा-2,त-1 भर-2


____________________________________
मुइज़ाफ़ी मुसम्मन: फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन फ़ा-इ-लुन(2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2 2-1-2) [इसमें फ़ा-इ-लुन रुक्न आठ बार आया है]

(शायरी कैसे करें) (Shayari Kaise Karen)
शायरी सीखें: वज़्न करने का तरीक़ा (1)
वज़्न करने का तरीक़ा (2)
वज़्न करने का तरीक़ा (3)
वज़्न करने का तरीक़ा (4)
वज़्न करने का तरीक़ा (5)
वज़्न करने का तरीक़ा (6)
वज़्न करने का तरीक़ा (7)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *