दो शाइर, दो नज़्में(9): फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और अख़्तर-उल-ईमान
Akhtar Ul Iman Shayari Faiz Ahmed Faiz Shayari फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म: बोल बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे,…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Shayari
‘साहित्य दुनिया’ के ज़रिए कोशिश ये है कि लोगों की रूचि साहित्य और भाषा में बढ़े। ये साहित्य और भाषा से जुड़ी बातों को बड़े-बड़े और गम्भीर वाक्यों से न समझाकर उसे सरल, बोलचाल की भाषा में आम जन तक पहुँचाने का प्रयास है।
Akhtar Ul Iman Shayari Faiz Ahmed Faiz Shayari फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म: बोल बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे,…
Majaz Ki Shayari ~ असरार उल हक़ ‘मज़ाज’ की कुछ ग़ज़लें यहाँ हम पेश कर रहे हैं। मुलाहिज़ा फ़रमाएँ –…
Parveen Shakir Fehmida Riyaz _________________________________ परवीन शाकिर की नज़्म: नहीं मेरा आँचल मैला है नहीं मेरा आँचल मैला है और…
Mohabbat Shayari Nazm जाँ निसार अख़्तर की नज़्म: तजज़िया मैं तुझे चाहता नहीं लेकिन, फिर भी जब पास तू नहीं…
परवीन शाकिर की ग़ज़ल: Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की, उसने ख़ुशबू…
Farhat Ehsas Nazm फ़रहत एहसास की नज़्म: ख़ुद-आगही वो कैसी तारीक घड़ी थी, जब मुझको एहसास हुआ था मैं तन्हा…
Jigar aur dil ko bachana जिगर और दिल को बचाना भी है, नज़र आप ही से मिलाना भी है मुहब्बत…
मिर्ज़ा ग़ालिब (27 दिसंबर, 1796 – 15 फ़रवरी 1869) (Ghalib Shayari Rubai) उर्दू के सबसे महान शा’इरों में शुमार किये…
फ़ानी बदायूँनी की ग़ज़ल: हम मौत भी आए तो मसरूर नहीं होते Hum Maut Bhi Aaye to Masroor Nahin Hote…
Makhdoom Aur Faiz Ki Nazm मख़दूम मुहिउद्दीन की नज़्म: “चारागर” इक चमेली के मंडवे-तले मय-कदे से ज़रा दूर उस मोड़…