रसगुल्ला के डॉक्टर

जैसे ही राखी बुआ और रॉकी चाचा के साथ ननकू, रसगुल्ला और चीकू अस्पताल पहुँचे कि ननकू तो आँखें बड़ी-बड़ी करके इधर- उधर देखने लगा नज़ारा ही ऐसा था। आसपास गाय, भैंस, बकरी का इलाज चल रहा था। ननकू तो बस उन्हें देखा ही जा रहा था कि इलाज करवाती गाय ज़ोर से रंभायी..ननकू ही … Read more

रसगुल्ला की चोट

जब राखी बुआ की आँख खुली तो बाहर से ज़ोर-ज़ोर से दादी और मौसी दादी की हँसने की आवाज़ आ रही थी..साथ में रॉकी चाचा और माँ भी बातें कर रहे थे। राखी बुआ झट से उठीं तो उन्होंने देखा कि सूरज सर पर चढ़ आया है.. “बाबा रे..इतनी देर हो गयी और किसी ने … Read more

रसगुल्ला और राखी बुआ

राखी बुआ ने पास जाकर देखा तो रसगुल्ला दर्द से कराह रहा था. वो कशमकश में थीं कि सबको उठाएँ या क्या करें..वो रसगुल्ला के पास उकड़ूं बैठी ही थीं कि उन्होंने रसगुल्ला की आँखों में आँसू देखे.. उन्होंने उसे तुरंत प्यार से गोदी में ले लिया और वहीं ज़मीन पर पालथी मार कर उसकी … Read more

ख़ूबसूरत तस्वीरों और जानकारियों से मन मोहती है “लद्दाख़”

Laddakh Review Mahendra Singh

Laddakh Review Mahendra Singh ~ कहते हैं अगर आपको ख़ुद को पहचानना हो तो यात्रा करनी चाहिए। अक्सर हम ख़ुद से मुलाक़ात कर पाते हैं जब हम यात्रा में होते हैं, आने वाली तरह-तरह की परिस्थितियों में हमारा व्यवहार किस तरह का होता है और हम किस तरह से उन परिस्थितियों को समझते हैं और उनके साथ संतुलन बनाते हैं, ये सभी अनुभव यात्रा के दौरान होता है। और एक बात भी जो यात्रा हमें सिखाती है वो ये कि हम अपने परिवार के साथ किस तरह से जुड़े हुए हैं साथ ही परिवार के सदस्यों का व्यवहार कैसा है। आज के समय में ये कटु सत्य है कि घर में साथ रहते हुए हम अपने परिवार से उस तरह से नहीं मिल पाते जैसे हम किसी सफ़र के दौरान मिल पाते हैं।

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प्लान में प्लान

रॉकी चाचा ने चीकू, रसगुल्ला और ननकू के साथ मिलकर राखी बुआ को कमरे में घेर लिए..राखी बुआ तो डर गयीं और वो बाहर जाना चाहती थीं कि चीकू खड़ा हो गया दरवाज़े पर। अब राखी बुआ को बाहर जाने देने के लिए रॉकी चाचा ने कहा कि चीकू की एक शर्त माननी पड़ेगी। ननकू … Read more

ननकू के क़िस्से: रॉकी चाचा का मास्टर प्लान

राखी बुआ का चीकू और रसगुल्ला से डर जाना घर भर में चर्चा का विषय रहा. सभी लोगों ने इस पर राखी बुआ से हँसी-मज़ाक़ किया वहीं ननकू अभी तक ये समझ नहीं पा रहा था कि आख़िर राखी बुआ चीकू और रसगुल्ला से डर कैसे गईं. ननकू इस बात को जानने के लिए रॉकी … Read more

डरपोक बुआ

सभी बड़े बैठकर बातें करने लगे। ननकू, रसगुल्ला और चीकू, रॉकी के साथ बाहर आ गए, तभी ननकू को कुछ याद आया “रॉकी चाचा..नानी ने एक फूल का पेड़ दिया था, उसको भूक लगी होगी न” “अरे तुम्हारे पौधे को खिला पिला के मोटा कर दिए हैं हम..देखो बैठा है यहाँ”- रॉकी ने आँगन की … Read more

मन की भावनाओं के द्वार खोलता है रश्मि रविजा का कहानी संग्रह “बंद दरवाज़ों का शहर”

Band Darwazon Ka Shahar Review

Band Darwazon Ka Shahar Review ~ ‘बंद दरवाज़ों का शहर’ रश्मि रविजा (Rashmi Ravija) का कहानी संग्रह है। इस कहानी (Hindi Kahani) संग्रह में भावनाओं के अलग-अलग द्वार खुलते हैं, फिर वो चाहे प्रेम को ख़ुद से दूर करती तलाक़शुदा महिला हो या महानगर में दिनभर घर में अकेली बातों को तरसती स्त्री हो, एक … Read more

‘ननकू पहुँचा मौसी-दादी के घर’

सफ़र के दौरान ही ननकू और रसगुल्ला सो गए थे, कुछ देर बाद चीकू भी सो गया. ननकू के कान में अचानक ही माँ की आवाज़ सुनाई पड़ी.. “अरे उठो ननकू, चीकू, रसगुल्ला…मौसी-दादी का घर आने वाला है..चलो उठ जाओ सब” ननकू ने आँखों पर हाथ मलते हुए देखा तो पापा ड्राइविंग सीट पर थे … Read more

कब तक रहेगा चीकू नाराज़

ननकू, रसगुल्ला और चीकू, माँ- पापा के साथ नानी के घर से निकल गए हैं मौसी दादी के घर, जहाँ दादी कर रहीं हैं उनका इंतज़ार। पापा और माँ तो आगे की सीट पर बैठे अपनी बातें कर रहे थे, कुछ देर पहाड़, नदी देखते-देखते ननकू, चीकू और रसगुल्ला सो गए। अब जब वो जाए … Read more