भिखारिन – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Bhikharin Rabindranath Tagore – अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- “बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए” वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न था। आने-जाने … Read more

दिनों की लाशें — अरग़वान रब्बही

Road in Etten - drawing by Vincent van Gogh

DinoN Ki LaasheN ~~ अरग़वान रब्बही ट्रेन की खिड़की से बाहर साथ-साथ चलते अंधेरों के बीच अंदर सोए लोगों की जागती नींदों की लोरियाँ मुझे भी सुलाने की कोशिश कर रही थीं, मगर मैं चाहकर भी सो नहीं सकता था क्योंकि मुझे अगले ही स्टेशन पर उतरना था… कुछ ही वक़्त में काले अंधेरे रास्ते … Read more

लू शुन की कहानी- साबुन की टिकिया

sabun ki tikiya

sabun ki tikiya श्रीमती किंग कमरे की उत्तर वाली खिड़की की ओर पीठ करके, सूरज की अन्तिम किरणों की रोशनी में पितर-पूजा में जलाने के लिए काग़ज़ के नोटों की तह कर रही थीं। उसकी आठ वर्ष की लड़की एलिगैंस (शोभा) भी उसका हाथ बंटा रही थी। इसी समय मोटे कपड़े के तले वाले वृत्तों … Read more

राजेंद्र बाला घोष ‘बंग महिला’

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Rajendra Bala Ghosh Bang Mahila ~ 1882 में जन्मीं राजेंद्र बाला घोष हिंदी की ऐसी महिला लेखिका मानी जाती हैं जिन्होंने मौलिक रचनाओं में पहली कहानी लिखी। वैसे हिंदी की पहली कहानी कौन सी है इस बात में कई मत हैं लेकिन राजेंद्र बाला घोष की कहानी ‘दुलाई वाली’ को भी इसमें शामिल किया जाता … Read more

सआदत हसन ‘मंटो’ की कहानी ‘नया क़ानून’

Saadat Hasan Manto Naya Qanoon

Saadat Hasan Manto Naya Qanoon ~ मंगू कोचवान अपने अड्डे में बहुत अक़्लमंद आदमी समझा जाता था, हालाँकि उसकी तालीमी हैसियत सिफ़र के बराबर थी और उसने कभी स्कूल का मुँह भी नहीं देखा था। लेकिन इसके बावजूद उसे दुनिया भर की चीज़ों का इल्म था। अड्डे के वह तमाम कोचवान जिनको यह जानने की … Read more

आम जीवन की सहज झलक देती है “वातायन”

Vatayan Review

Vatayan Review ~ किताब दुनिया में आज हम जिस किताब की बात करने वाले हैं वो किताब है लघु कहानी संग्रह वातायन। राजुल अशोक (Rajul Ashok) की इस किताब में कुल 15 कहानियाँ हैं। इन कहानियों में जहाँ आम जीवन की झलक मिलती है वहीं नाटकीय मोड़ से सभी कहानियाँ कोसों दूर हैं। कहानियों की … Read more

ज्ञान चतुर्वेदी की किताब “बारामासी” की समीक्षा

Baramasi Review

Baramasi Review ~ आज विश्व हास्य दिवस है। यूँ तो कई हास्य-व्यंग्य लिखने वाले लेखक देश में मौजूद हैं और उन्होंने साधारण से लेकर अति गम्भीर बातों को व्यंग्य के माध्यम से आम जनता तक पहुँचाया है। व्यंग्य के नाम पर सबसे अधिक हरिशंकर परसाई को पढ़ा है। उनसे हटकर कोई व्यंग्य पहली बार पढ़ा … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: आंडाल प्रियदर्शिनी की कहानी “छुईमुई” का दूसरा भाग

Malikzada Manzoor Shayari Premchand Ki Kahani Saut

छुईमुई- आंडाल प्रियदर्शिनी Hindi Kahani Chhuimui घनी कहानी, छोटी शाखा: आंडाल प्रियदर्शिनी की कहानी “छुईमुई” का पहला भाग भाग-2 (अब तक आपने पढ़ा…पद्मावती अपने घर में अलग-थलग रहती है। उसकी बहु रेवती उससे उखड़ा हुआ व्यवहार करती है, पोती अनु को गले लगाने, अपने हाथ से खाना खिलाने, गोद में लोरी सुनाकर सुलाने का पद्मावती … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: हरिशंकर परसाई की कहानी “भोलाराम का जीव” का पहला भाग

Momin ki shayari Urdu Shabd Gham Gam हिन्दी व्याकरण वाला वाली द वाले शब्द

भोलाराम का जीव-हरिशंकर परसाई  Parsayi ki kahani Bholaram ka jeev भाग-1  ऐसा कभी नहीं हुआ था। धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नरक में निवास-स्थान ‘अलॉट’ करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। सामने बैठे चित्रगुप्त बार-बार चश्मा पोंछ, बार-बार थूक से पन्ने … Read more

घनी कहानी, छोटी शाखा: गोपालराम गहमरी की कहानी “गुप्तकथा” का पाँचवां भाग

Romantic Shayari

गुप्तकथा- गोपालराम गहमरी  Hindi Kahani Guptkatha घनी कहानी, छोटी शाखा: गोपालराम गहमरी की कहानी “गुप्तकथा” का पहला भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: गोपालराम गहमरी की कहानी “गुप्तकथा” का दूसरा भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: गोपालराम गहमरी की कहानी “गुप्तकथा” का तीसरा भाग घनी कहानी, छोटी शाखा: गोपालराम गहमरी की कहानी “गुप्तकथा” का चौथा भाग भाग-5 (अब तक आपने पढ़ा..अपने … Read more