अमृता प्रीतम की बेहतरीन कविताएँ

Amrita Pritam Hindi Poems

Amrita Pritam Hindi Poems एक मुलाक़ात मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को ख़ुदा जाने क्या ख़याल आया उसने तूफ़ान की एक पोटली सी बांधी मेरे हाथों में थमाई और हंस कर कुछ दूर हो गया हैरान थी…. पर उसका चमत्कार ले लिया पता था कि … Read more

मुहब्बत पर ख़ूबसूरत शेर

Mohabbat Shayari, Girl Friend Shayari

Mohabbat Shayari गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं फ़ैज़ अहमद “फ़ैज़” (Faiz Ahmed Faiz) ______ दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है मिर्ज़ा ग़ालिब ______ हमने दिल दे भी दिया अहद ए … Read more

Subah Shayari : सुबह पर ख़ूबसूरत शायरी

Subah Shayari Morning Shayari Good Morning Shayari Famous Film Shayari Aahat Si Koi Aaye To Lagta Hai Ke Tum Ho Premchand Ki Kahani Vinod Munshi Premchand Ki Kahani Vinod Hindi Sahityik Kahani Vinod Zauq Ki Shayari

Subah Shayari नया चश्मा है पत्थर के शिगाफ़ों से उबलने को, ज़माना किस क़दर बेताब है करवट बदलने को सरदार जाफ़री (Sardar Jafri) ______ उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए इरफ़ान सिद्दीक़ी __________ हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले … Read more

उर्दू की बेहतरीन रुबाईयाँ

Best Urdu Rubai Shaam Shayari Har Haqeeqat Majaz Ho Jaye Tagore ki Kahani Bhikharin Parveen Shakir Shayari

Best Urdu Rubai रूबाई (Rubai) – रूबाई चार-चार मिसरों की ऐसी शा’इरी को कहते हैं जिनके पहले, दूसरे और चौथे मिसरों का एक ही रदीफ़, क़ाफ़िये में होना ज़रूरी है. इसमें एक बात समझनी ज़रूरी है कि ग़ज़ल के लिए प्रचलित 35-36 बह्र में से कोई भी रूबाई के लिए इस्तेमाल में नहीं लायी जाती है. … Read more

मशहूर शाइर राहत इन्दौरी की 10 शानदार ग़ज़लें

Rahat Indori Top Ghazals

Rahat Indori Top Ghazals आज के दौर के मशहूर शायरों की बात की जाए तो उसमें राहत इन्दौरी का नाम ज़रूर आएगा. राहत की शायरी जितना मुशायरों में पसंद की जाती थी उसी तरह से उनकी किताबें भी ख़ूब पसंद की जाती रही हैं. ग़ज़ल 1: अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए … Read more

सच्ची घटनाओं पर आधारित लेखक लाल भाटिया की किताब प्रकाशित

Lal Bhatia Ki Kitab

Indicting Goliath Lal Bhatia ~  सोचिए, अगर आपको किसी दूसरे देश में बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के अपनी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़े, अपने ही परिवार के सदस्यों से धोखा खाना पड़े और मुकदमे का सामना करना पड़े, इस बारे में कोई सोच भी कैसे सकता है? लेकिन यही लेखक लाल भाटिया की पुस्तक ‘इंडिक्टिंग … Read more

एक ऐसी कहानी जो शायद पहले सोची भी नहीं गयी

Hindi Book Review

Kali yuga: The Ascension Review : किताबों की दुनिया कुछ यूँ होती है कि आपको बैठे-बिठाए दुनिया भर की सैर करा सकती है। वो दुनिया कोई भी हो सकती है आपके आसपास वाली या सात समंदर पार की या फिर किसी कल्पनालोक की उड़ान भी किताबों के ज़रिए भरी जा सकती है। जब बात कल्पनालोक … Read more

ख़ूबसूरत तस्वीरों और जानकारियों से मन मोहती है “लद्दाख़”

Laddakh Review Mahendra Singh

Laddakh Review Mahendra Singh ~ कहते हैं अगर आपको ख़ुद को पहचानना हो तो यात्रा करनी चाहिए। अक्सर हम ख़ुद से मुलाक़ात कर पाते हैं जब हम यात्रा में होते हैं, आने वाली तरह-तरह की परिस्थितियों में हमारा व्यवहार किस तरह का होता है और हम किस तरह से उन परिस्थितियों को समझते हैं और उनके साथ संतुलन बनाते हैं, ये सभी अनुभव यात्रा के दौरान होता है। और एक बात भी जो यात्रा हमें सिखाती है वो ये कि हम अपने परिवार के साथ किस तरह से जुड़े हुए हैं साथ ही परिवार के सदस्यों का व्यवहार कैसा है। आज के समय में ये कटु सत्य है कि घर में साथ रहते हुए हम अपने परिवार से उस तरह से नहीं मिल पाते जैसे हम किसी सफ़र के दौरान मिल पाते हैं।

Read more

ज्ञान चतुर्वेदी की किताब “बारामासी” की समीक्षा

Baramasi Review

Baramasi Review ~ आज विश्व हास्य दिवस है। यूँ तो कई हास्य-व्यंग्य लिखने वाले लेखक देश में मौजूद हैं और उन्होंने साधारण से लेकर अति गम्भीर बातों को व्यंग्य के माध्यम से आम जनता तक पहुँचाया है। व्यंग्य के नाम पर सबसे अधिक हरिशंकर परसाई को पढ़ा है। उनसे हटकर कोई व्यंग्य पहली बार पढ़ा … Read more

राईशा लालवानी की किताब “The diary on the Fifth Floor” की समीक्षा

The diary on the Fifth Floor Review

The diary on the Fifth Floor Review ~ Raisha Lalwani इन दिनों हम कितनी बेवजह की उलझनों में उलझे रहते हैं..।इन मानसिक उलझनों का हल हमारे पास ही है बस वो कहीं नज़र नहीं आता और हम इन उलझनों को सुलझाने की बजाय और ज़्यादा उलझते जाते हैं। कुछ समझ नहीं आता और पता भी … Read more