मिर्ज़ा रफ़ी सौदा की रुबाइयाँ और ग़ज़लें
Mirza Rafi Sauda Shayari रुबाइयाँ Mirza Rafi Sauda Shayari 1. गर यार के सामने मैं रोया तो क्या, मिज़्गाँ में…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Mirza Rafi Sauda Shayari रुबाइयाँ Mirza Rafi Sauda Shayari 1. गर यार के सामने मैं रोया तो क्या, मिज़्गाँ में…
Ghazal Likhne Ka Tareeka शा’इरी में यूँ तो ख़याल की पुख़्तगी बहुत अहम् है लेकिन सिर्फ़ अच्छा या नया ख़याल…
Majaz Ki Shayari ~ असरार उल हक़ ‘मज़ाज’ की कुछ ग़ज़लें यहाँ हम पेश कर रहे हैं। मुलाहिज़ा फ़रमाएँ –…
Jigar aur dil ko bachana जिगर और दिल को बचाना भी है, नज़र आप ही से मिलाना भी है मुहब्बत…
मिर्ज़ा ग़ालिब (27 दिसंबर, 1796 – 15 फ़रवरी 1869) (Ghalib Shayari Rubai) उर्दू के सबसे महान शा’इरों में शुमार किये…
Ghalib Ke Khat : मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की शा’इरी के तो सभी दीवाने हैं लेकिन बात नस्र की करें…
Ghalib ka khat- मीर मेंहदी के नाम मिर्ज़ा ग़ालिब का ख़त जाने-ग़ालिब ! अब की ऐसा बीमार हो गया था…