दिल को छू लेने वाले ख़ूबसूरत शेर..

Chaand Shayari Ishq ab meri jaan hai goya - Jaleel Manikpuri

Deep Shayari हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले मिर्ज़ा ग़ालिब _________ निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन, बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले मिर्ज़ा ग़ालिब ________ हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद जो नहीं जानते वफ़ा क्या … Read more

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें

Ranjish Hi Sahi

Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwaabon mein Milen.. अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो नश्शा बढ़ता है शराबें … Read more

उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें (रदीफ़ और क़ाफ़िए की जानकारी के साथ)

Dard Bhari Shayari Best Urdu Ghazals Bewafai Shayari

Best Urdu Ghazals ~ मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) की ग़ज़ल (Ghazal):  बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना गिर्या चाहे है ख़राबी मिरे काशाने की दर ओ दीवार से टपके है बयाबाँ होना वा-ए-दीवानगी-ए-शौक़ कि हर दम मुझ को आप … Read more

दो शा’इर, दो ग़ज़लें(8): अहमद फ़राज़ और बहज़ाद लखनवी…

Breakup shayari Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Badhayen Hum Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki Rehman Faris Shayari Zulf Shayari

Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Badhayen Hum अहमद फ़राज़ की ग़ज़ल: अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम, ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम सहरा-ए-ज़िंदगी में कोई दूसरा न था, सुनते रहे हैं आप ही अपनी सदाएँ हम इस ज़िंदगी में … Read more