फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी

Firaq Gorakhpuri Ki Shayari

Firaq Gorakhpuri Ki Shayari 1. तुम्हें क्यूँकर बताएँ ज़िंदगी को क्या समझते हैं समझ लो साँस लेना ख़ुद-कुशी करना समझते हैं 2. बस इतने पर हमें सब लोग दीवाना समझते हैं कि इस दुनिया को हम इक दूसरी दुनिया समझते हैं सोशल मीडिया और Instagram रील के लिए बेहतरीन शायरी का संकलन… 3. कहाँ का … Read more

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ…. अहमद फ़राज़

Ranjish Hi Sahi

Ranjish Hi Sahi रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मुहब्बत का भरम रख तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो रस्म-ओ-रह-ए-दुनिया ही निभाने के लिए आ किस-किस … Read more

वही फिर मुझे याद आने लगे हैं …ख़ुमार बाराबंकवी

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Khumar Barabankvi Ki Shayari  वही फिर मुझे याद आने लगे हैंजिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं वो हैं पास और याद आने लगे हैंमुहब्बत के होश अब ठिकाने लगे हैं सुना है हमें वो भुलाने लगे हैंतो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं  हटाए थे जो राह से दोस्तों कीवो पत्थर मिरे घर में … Read more

इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं…ज़हरा निगाह

Zehra Nigah न वाले शब्द

Zehra Nigah इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं आने वाले बरसों ब’अद भी आते हैं हमने जिस रस्ते पर उसको छोड़ा है फूल अभी तक उस पर खिलते जाते हैं दिन में किरनें आँख-मिचोली खेलती हैं रात गए कुछ जुगनू मिलने जाते हैं देखते-देखते इक घर के रहने वाले अपने अपने ख़ानों में बट … Read more

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता …. निदा फ़ाज़ली

Nida Fazli Ki Shayari waseem barelvi Ada Shayari

Nida Fazli Ki Shayari कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो जहाँ उमीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता कहाँ चराग़ जलाएँ कहाँ गुलाब रखें छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता Nida Fazli Ki Shayari ये क्या अज़ाब है सब … Read more

बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी…. बहादुर शाह ज़फ़र

Bahadur Shah Zafar Shayari Humko Mita Sake Ye Zamane Mein Dum Nahin Motivational Shayari Mirza Jafar Ali Hasrat Sher Urdu Interesting Facts

Bahadur Shah Zafar Shayari बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी ले गया छीन के कौन आज तिरा सब्र ओ क़रार बे-क़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी उसकी आँखों ने ख़ुदा जाने किया क्या जादू कि तबीअ’त मिरी माइल कभी … Read more

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया.. सुदर्शन फ़ाकिर

Sudarshan Fakir Shayari Urdu Poetry Meter

Sudarshan Fakir Shayari इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया रोने वालों से कहो उनका भी रोना रो लें जिनको मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया तुझसे … Read more

मीर तक़ी मीर की शायरी

Meer Taqi Meer Shayari Jinke Liye Apne To

Meer Taqi Meer Shayari 1. फ़क़ीराना आए सदा कर चले, मियाँ ख़ुश रहो हम दुआ कर चले 2. जो तुझ बिन न जीने को कहते थे हम सो इस अहद को अब वफ़ा कर चले 3. वो क्या चीज़ है आह जिसके लिए हर इक चीज़ से दिल उठा कर चले 4. कोई ना-उमीदाना करते … Read more

“ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया”- अहमद अल्वी

ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया ये लंगूर भालू ये बंदर की दुनिया ये कुत्तों गधों और ख़च्चर की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ये चोरों ये लुच्चों लफ़ंगों की दुनिया ये कमज़ोरों की और दबंगों की दुनिया तप-ए-दिक़ के बीमार चंगों की दुनिया ये दुनिया अगर मिल … Read more

‘मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे’

बैठे-बिठाए हो गई घर में मार-कुटाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दुआ ने काम किया अम्मी और अब्बा ने मिल कर मेरा काम तमाम किया आज मुहल्ले-भर में गूँजी मेरी दुहाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे नाहक़ हम … Read more