उर्दू के 150 फ़ेमस शेर

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Best Urdu Shayari 1. वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे, हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता अमीर मीनाई (Ameer Minai) 2. चुप-चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़ तस्वीर-ए-यार को है मिरी गुफ़्तुगू पसंद दाग़ देहलवी (Daagh Dehlvi) 3. आदतन तुमने कर दिए वादे आदतन हमने ए’तिबार किया गुलज़ार (Gulzar) 4. सोचो … Read more

दकनी शायर: बीजापुर और गोलकुंडा के दरबार की शायरी

Dakni Shayari Ka Itihas

Dakni Shayari Ka Itihas ~ सन 1347 से 1527 तक दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण हिस्से पर बहमनी सल्तनत का क़ब्ज़ा रहा। बहमनी सल्तनत का अंत हुआ तो इससे पाँच राज्य क़ायम हुए। इनमें साहित्य की दृष्टि से बीजापुर का आदिलशाही वंश और गोलकुंडा का क़ुतुबशाही वंश मशहूर हुआ। ऐसा माना जाता है कि इन्हीं दो … Read more

मजाज़ के बेहतरीन शेर..

Manchanda Bani Majaz Shayari Majaz Ki Shayari

उर्दू के बेहतरीन शायर असरार उल हक़ मजाज़ के बेहतरीन शेर.. Asrar Ul Haq Majaz Ke Best Sher बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है ~ कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी कुछ मुझे भी ख़राब होना था ~ शहर की रात और मैं नाशाद ओ नाकारा फिरूँ जगमगाती जागती सड़कों … Read more

दिल टूटने पर शेर..

Breakup shayari Ab Aur Kya Kisi Se Marasim Badhayen Hum Koo Ba Koo Phail Gayi Baat Shanasayi Ki Rehman Faris Shayari Zulf Shayari

Breakup shayari ~ वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो वही या’नी वा’दा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो मोमिन ख़ान मोमिन (Momin Khan Momin) _________ कभी हम में तुम में भी चाह थी कभी हमसे तुमसे भी राह थी कभी हम भी तुम … Read more

उर्दू की बेहतरीन रुबाईयाँ

Best Urdu Rubai Shaam Shayari Har Haqeeqat Majaz Ho Jaye Tagore ki Kahani Bhikharin Parveen Shakir Shayari

Best Urdu Rubai रूबाई (Rubai) – रूबाई चार-चार मिसरों की ऐसी शा’इरी को कहते हैं जिनके पहले, दूसरे और चौथे मिसरों का एक ही रदीफ़, क़ाफ़िये में होना ज़रूरी है. इसमें एक बात समझनी ज़रूरी है कि ग़ज़ल के लिए प्रचलित 35-36 बह्र में से कोई भी रूबाई के लिए इस्तेमाल में नहीं लायी जाती है. … Read more

ख़ज़ाना-ए-क़ाफ़िया

Qafiya List Urdu Shayari

जब भी कोई शेर कहना चाहता है तो उसके लिए सबसे ज़रूरी चीज़ होती है क़ाफ़िया (Qafiya) , रदीफ़ (Radeef) और वज़्न (Wazn)। (Qafiya List Urdu Shayari) जहाँ क़ाफ़िये से शेर को एक लयबद्ध रवानी मिलती है, वहीं रदीफ़ की पाबंदी से कोई शेर ग़ज़ल का हिस्सा बनता है। (Ghazal) (Qafia) (Kafia) किसी भी ग़ज़ल … Read more

“ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया”- अहमद अल्वी

ये खटमल ये मक्खी ये मच्छर की दुनिया ये लंगूर भालू ये बंदर की दुनिया ये कुत्तों गधों और ख़च्चर की दुनिया ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ये चोरों ये लुच्चों लफ़ंगों की दुनिया ये कमज़ोरों की और दबंगों की दुनिया तप-ए-दिक़ के बीमार चंगों की दुनिया ये दुनिया अगर मिल … Read more

‘मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे’

बैठे-बिठाए हो गई घर में मार-कुटाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दुआ ने काम किया अम्मी और अब्बा ने मिल कर मेरा काम तमाम किया आज मुहल्ले-भर में गूँजी मेरी दुहाई चार बजे मेरे बुज़ुर्गों ने मुझको तहज़ीब सिखाई चार बजे नाहक़ हम … Read more

दो शाइर, दो ग़ज़लें (23): राजेन्द्र मनचंदा बानी और अहमद फ़राज़

अहमद फ़राज़ मनचंदा बानी

(अहमद फ़राज़ मनचंदा बानी) राजेन्द्र मनचंदा “बानी” की ग़ज़ल ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था क़ाइल ही तिरी बात का अंदर से नहीं था हर आँख कहीं दौर के मंज़र पे लगी थी बेदार कोई अपने बराबर से नहीं था क्यूँ हाथ हैं ख़ाली कि हमारा कोई रिश्ता जंगल से नहीं था … Read more

दो शाइर, दो नज़्में(12): मजाज़ और मख़दूम

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Majaz Shayari Hindi असरार उल हक़ ‘मजाज़’ की नज़्म: बोल! अरी ओ धरती बोल! बोल! अरी ओ धरती बोल! राज सिंघासन डाँवाडोल बादल बिजली रैन अँधयारी दुख की मारी प्रजा सारी बूढ़े बच्चे सब दुखिया हैं दुखिया नर हैं दुखिया नारी बस्ती बस्ती लूट मची है सब बनिए हैं सब ब्योपारी बोल! अरी ओ धरती … Read more