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Dushyant Kumar Shayari ई यी ए ये ड वाले शब्द Urdu Shayari Mein Fard म वाले शब्दSahitya Duniya

Urdu Shayari Mein Fard देखा जाए तो शा’इरी अपने आप में एक बहुत बड़ा विषय है. इसके बारे में चर्चा करिए तो बहुत सी ऐसी बातें सामने आती हैं जिनका ज़िक्र अब होना कुछ कम ही हो गया है. ऐसा ही एक शब्द है फ़र्द, फ़र्द का अर्थ है अद्वितीय, अकेला. फ़र्द का इस्तेमाल जब हम शा’इरी के काव्य-शास्त्र को लेकर करते हैं तो इसका अर्थ होता है कि कोई ऐसा अकेला शेर जो ख़ुद में अकेला है.

कहने का अर्थ ये है कि एक ग़ज़ल में कई शे’र होते हैं और हर शे’र एक ही रदीफ़, क़ाफ़िये और बह्र पर बंधा होता है जिसे हम ज़मीन कहते हैं. परन्तु कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी ज़मीन में शा’इर एक ही शे’र कह पाता है और ग़ज़ल मुक़म्मल होने के बजाय बस एक ही शे’र पर सिमट जाती है. ऐसे में इसे “फ़र्द” कहा जाता है.

शाद अज़ीमाबादी का शे’र फ़र्द है-

जिस से तेरा बयान सुनते हैं,
नित नयी दास्तान सुनते हैं.

[रदीफ़- सुनते हैं]
[क़ाफ़िये- बयान, दास्तान]
Urdu Shayari Mein Fard

शेर क्या है?
ग़ज़ल क्या है?
शायरी सीखें: क़ाफ़िया क्या है?
रदीफ़ क्या है?
शायरी क्या है?
नज़्म क्या है?
शायरी सीखें: क्या होती है ज़मीन, रदीफ़, क़ाफ़िया….
ग़ज़ल में मक़ता क्या होता है?
शायरी सीखें: ग़ज़ल का मतला क्या होता है?
न’अत क्या होती है?
शायरी सीखें ~ क़त्आ, रूबाई, हम्द….

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