रहमान फ़ारिस के बेहतरीन शेर..
Rehman Faris Shayari ~ मैं कार-आमद हूँ या बे-कार हूँ मैं मगर ऐ यार तेरा यार हूँ मैं जो देखा है किसी को मत बताना इलाक़े भर में इज़्ज़त-दार हूँ मैं मेराज फ़ैज़ाबादी के बेहतरीन शेर… नज़र उठाएँ तो क्या क्या फ़साना बनता है सौ पेश-ए-यार निगाहें झुकाना बनता है पराई आग मिरा घर जला … Read more