मोमिन की ग़ज़ल- “तुम मिरे पास होते हो गोया, जब कोई दूसरा नहीं होता”
Momin ki shayari असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत-फ़ज़ा नहीं होता बेवफ़ा कहने की शिकायत है तो भी वादा-वफ़ा…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Momin ki shayari असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत-फ़ज़ा नहीं होता बेवफ़ा कहने की शिकायत है तो भी वादा-वफ़ा…
Urdu ke ustaad shayar: हम यहाँ चार ग़ज़लें पेश कर रहे हैं. मीर, ग़ालिब, इक़बाल और फ़ैज़ की इन ग़ज़लों…
1. Umair Najmi Shayari बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं लगेगा लगने लगा है, मगर लगेगा नहीं…
Aanand Naaraayan Mullaah :: जाने अफ़साना यही कुछ भी हो अफ़साने का नाम, ज़िन्दगी है दिल की धड़कन तेज़ हो…
wo humsafar tha वो हम-सफ़र था मगर उससे हम-नवाई न थी कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी…
Sahir Ki Shayari ख़ुद्दारियों के ख़ून को अर्ज़ां ना कर सके हम अपने जौहरों को नुमायाँ ना कर सके होकर…
Meer Ki Shayari देख तो दिल कि जाँ से उठता है ये धुआँ सा कहाँ से उठता है गोर किस…
Ranjish Hi Sahi रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के…
Khumar Barabankvi Ki Shayari वही फिर मुझे याद आने लगे हैंजिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं वो हैं पास और…
Zehra Nigah इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं आने वाले बरसों ब’अद भी आते हैं हमने जिस रस्ते पर…