दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ ~ मिर्ज़ा ग़ालिब
Dard Minnat Kash e Dava Na Hua ~ Mirza Ghalib दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न…
हिन्दी और उर्दू साहित्य का संगम
Dard Minnat Kash e Dava Na Hua ~ Mirza Ghalib दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न…
Phool Shayari काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा परवीन शाकिर…
Ghar Shayari : उग रहा है दर-ओ-दीवार से सब्ज़ा ‘ग़ालिब’ हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है…
Mohabbat Shayari गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा गर जीत गए तो क्या कहना…
Dard Bhari Shayari बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं उमैर…
Subah Shayari नया चश्मा है पत्थर के शिगाफ़ों से उबलने को, ज़माना किस क़दर बेताब है करवट बदलने को सरदार…
Famous Urdu Shayari यही दुनिया हमें अच्छा भी समझ सकती थी बस ज़रा चाल चलन बीच में आ जाता है।…
Tehzeeb Hafi Shayari Hindi ग़ज़ल 1: इस एक डर से ख़्वाब देखता नहीं मैं जो भी देखता हूँ भूलता नहीं…
Holi Shayari Rang Shayari : गले मुझको लगा लो ऐ मिरे दिलदार होली में बुझे दिल की लगी भी तो…
Best Urdu Rubai रूबाई (Rubai) – रूबाई चार-चार मिसरों की ऐसी शा’इरी को कहते हैं जिनके पहले, दूसरे और चौथे…